Monday, June 10, 2013

'प्यारे दोस्त..'



...

"मेरी ज़िन्दगी के
पहले रंग..

मेरी आशिकी के..
पहले रसरंग..

मेरे अरमानों के..
पहले जलतरंग..

मेरी खुशबू के..
पहले हुड़डंग..

चल लूटें..
हर पतंग..!!"

...

---प्यारे दोस्त मुझमें तुम..तुममें मैं..

8 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:

Yashwant R. B. Mathur said...

आपने लिखा....हमने पढ़ा
और लोग भी पढ़ें;
इसलिए कल 12/06/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
आप भी देख लीजिएगा एक नज़र ....
धन्यवाद!

Rajendra kumar said...

बहुत ही सुन्दर और सार्थक प्रस्तुती,आभार.

दिगम्बर नासवा said...

ये श्रृष्टि भी एक हो जाए ... सब कुछ मैं ही मैं हो जाए ..

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद यशवंत माथुर जी..

आभारी हूँ..!!! देरी के लिए क्षमाप्रार्थी..

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद राजेंद्र कुमार जी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद दिगम्बर नासवा जी..!!

संजय भास्‍कर said...

बहुत ही सुन्दर प्रस्तुती

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद संजय भास्कर जी..!!