Friday, January 17, 2014

'ग़ैरों के आँगन..'




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"नीलाम हुआ तेरी गली तो अच्छा लगा..बिकता जो ग़ैरों के आँगन तो मोहब्बत मेरी ज़ाया होती..!!!"

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--अलविदा..

2 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:

nilesh mathur said...

वाह!क्या बात है, सुंदर...

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद निलेश माथुर जी..!!