Thursday, January 7, 2010

यादें..


...

"दास्तान-ए-रिवायत..
जब सुनाएगा..
वक़्त का दरिया..
सिमट जाएगा..

कदीम यादें छुपा रखना..
ज़रा..
दफ्न नासूर..
फिर रंग लाएगा..!"

...

4 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:

निर्मला कपिला said...

कदीम यादें छुपा रखना जरा
दफन नासूर फिर रंग लायेगा
लाजवाब शुभकामनायें

priyankaabhilaashi said...

बहुत-बहुत धन्यवाद..!!

Udan Tashtari said...

शानदार!!

priyankaabhilaashi said...

शुक्रिया जी..!!