Thursday, September 22, 2011

'जीवन की धार..'




...


"व्यर्थ लुटाता रहा..
जीवन की धार..

लक्ष्य समीप..
ह्रदय के हार..

क्यूँ विचलित हुए..
गुण-रुपी श्रृंगार..

परिभाषा सरल..
दुर्लभ हैं संस्कार..

चहुँ ओर विचर..
ना मिले सत्कार..

चिंतन-मनन दिखलाए..
संयम सुसंस्कृत आधार..

किया जिसने ग्रहण..
हुआ भवसागर पार..!!"


...

25 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:

रश्मि प्रभा... said...

bahut hi achhi rachna

Sunil Kumar said...

भावों की सुंदर अभिव्यक्ति........

Yashwant R. B. Mathur said...

बेहतरीन।
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कल 23/09/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!

संजय भास्‍कर said...

तारीफ के लिए हर शब्द छोटा है - बेमिशाल प्रस्तुति - आभार.

shikha varshney said...

बेहतरीन अभिव्यक्ति.अच्छी लगी कविता.

Nidhi said...

यह भव सागर पार करने के लिए ही तो सारा उपक्रम है...अच्छा लिखा है,प्रियंका .

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद रश्मि प्रभा जी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद सुनील कुमार जी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद यशवंत माथुर जी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद संजय भास्कर जी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद शिखा वार्ष्णेय जी..!!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद दी..!!

Maheshwari kaneri said...

भावों की सुंदर अभिव्यक्ति........

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद महेश्वरी कनेरी जी..!!

सदा said...

भावमय करते शब्‍दों के साथ बेहतरीन अभिव्‍यक्ति ।

kanu..... said...

sundar rachna

रेखा said...

सुन्दर भावाभिव्यक्ति ...

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

बहुत सुन्दर भाव ...

विभूति" said...

अति सुन्दर....

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद सदा जी..!!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद kanu जी..!!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद रेखा जी..!!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद संगीता आंटी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद सुषमा 'आहुति' जी..!!!

Udan Tashtari said...

बहुत पसंद आई..बढ़िया.