Wednesday, September 28, 2011

'कुछ रोज़..'





...


"तारीक़-ए-हयात-ए-परिंदे..
तन्हा हैं..
कुछ रोज़..!!"


...

7 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:

Nidhi said...

अकेले हैं तो क्या गम है..............

रश्मि प्रभा... said...

sukun hai...

विभूति" said...

अति सुन्दर ....

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

कम शब्दो में गहरे भाव!

Udan Tashtari said...

शानदार....

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद सुषमा 'आहुति' जी..!!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद मयंक साहब..!!