Saturday, January 19, 2013
'अधूरापन..'
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"आप ही माध्यम हैं..जिनसे ना जाने कितनी अनगिनत रातें सुकून पाती है, बेसबब बातें अपना मुकाम, स्याह शामें अपना गुरुर, अल्हड़ सुबह अपना जूनून.. कोई प्यास, तड़प आपसे मिल ही अपना वजूद पहचानती है..किसी का अधूरापन आपके छू भर लेने से पूर्ण हो जाता है..!!"
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'दी..'
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