Friday, January 31, 2014

'ब्रॉड-माइंडेड..'







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"सुनो, तुमने शिखर को मैसेज कर दिया न कि वो तुम्हें अबसे परेशां न किया करे.. बहुत हुआ उसका अब, जब देखो WhatsApp पर किसी न किसी बहाने तुमसे जुड़ना चाहता है..!!"

"हाँ, मैंने लिख दिया था..!! और तुमने नेहा को बोल दिया..यूँ लेट नाईट वीडियोज़ न भेजा करें तुमको..!!"

"अरे, क्या तुम भी..?? कॉलेज की फ्रेंड है..दो-चार वीडियो भेज दिए तो क्या हुआ..?? तुम्हारी सोच भी दकियानूसी हो गयी है..!!"

"मैं..और वो भी दकियानूसी..??" स्नेह ने सोचा.."क्या ये वो ही अरविन्द है जिसे मेरे 'ब्रॉड-माइंडेड' होने पर गर्व हुआ करता था..? कैसे हम 'बैस्ट फ्रेंड्ज़ से बैस्ट क्रिटिक हो गए..?? शिखर का सिंपल मैसेज भेजना गुनाह और नेहा का लेट नाईट वीडियोज़ भेजना कैज़ुअल बात..????

शायद टेक्नो-सैवी होने के साईड इफेक्ट्स हैं.. पर्सनल स्पेस को वैरी पर्सनल में ट्रांसफॉर्म करना ही इसकी जीत है..!!"

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3 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:

डॉ. दिलबागसिंह विर्क said...

कटु सच

वाणी गीत said...

प्रगतिशीलता स्वयं पर आती है तो चोट खाती है :)

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद दिलबाग विर्क जी..!!