.
"For the Most Beautiful..
Kindly take note that the word 'Beautiful' is not about the physical beauty, of course, it's rational meaning is beyond that.. Coming to the point. Addressing someone as 'The Most Beautiful' certainly calls for a courageous effort that again is not everyone's cup of tea.
अंतस के सागर में किसी अपरिचित का प्रवेश अनायास हो, सौभाग्य की बात है.. परंतु असंभव-से इस पड़ाव में एक महत्त्वपूर्ण स्थान दिशा देने वाले का होता है.. उस अमूल्य हितैषी के विचारों में सदैव आपका हित समायोजित रहता है..
आप तो सब जानते हैं, साहेब.. तपस्या की आग में धैर्य अनिवार्य पदार्थ है.. अब जब जलने का, तपने का, मानस सुनिश्चित हो चला, तो प्रयास उसी अनुपात में हो.. है ना??
खैर, साहेब, यह मन दिल सब यहाँ-वहाँ विचर व्यर्थ में अपन ईंधन और समय लुटा रहे.. मुझे तो यूँ भी इन संसाधनों से कोई लगाव नहीं.. जिनसे सरोकार है, वो डटे हैं अपने उपयुक्त स्थान पर..
आप सोचते होंगे, जाने क्या-क्या लिख रही यह लड़की.. सच भी है मन के छल्ले आप हर किसी मोड़ पर नहीं उड़ा सकते.. एक समां, माहौल, महफ़िल बेहद ज़रूरी हो, अपनी बेबाकी की मिसाल देता है..
मुझे आज फिर बह जाने दे, ए-वक़्त.. इक आखिरी दफ़ा, मुझे यूँ खुद को लुटाने दे, लफ्ज़ों की वादियाँ बेतरतीब रहने दे, इस झरने की कल-कल में अरसे से क़ैद बेवज़ह वाली दुश्वारियाँ घुल जाने दे.. उस लाड़ की नमी को मेरे अंतर्मन पर परत जमाने दे..
तेरे समंदर का सागर यूँ मेरे घेरे में अपना तंबू लगाए, क्या साहेब, अब ऐसी खुशफहमियों को कभी जीने की मोहलत दिला दीजिए..
ये सवाल-जवाब, पसंद-नापसंद, किस्से-कहानियाँ, सबको खुशबुओं से मिलाया जाए.. फिर भर-भर ख़ुमारी के पैमाने उड़ेलें जाएँ.. गुलों की पहली मंज़िल पर चाँदनी की ताज़ी खेप नज़ाकत से परोसी जाए.. और ख़तों की गठरियाँ निचली सतह पर संजोने के लिए रखीं जाएँ.. रंगत के हवाले, ये नादां सारे..!!!
उजास और उमंग के रथ पर नेह फुहार-सा बरसे! मुझे भीग जाना है, इक आखिरी दफ़ा.. के तपो तो कुंदन ही बनना.. ख़्वाहिशों को ज़िंदा ही रखना.. सफर लंबा हो तो क्या, ए-राही.. तन-मन अपना चुस्त ही रखना!!
शुक्रिया, हर उस वज़ह के लिए जो कोशिश है, मुझे मुझसे मिलाने के लिए!!"
--#बस यूँ ही..