Friday, January 15, 2010

'बिखरे सपने..'


...

"सपने अपने पराये हुए जाते हैं..
दर-ओ-दीवार सराए हुए जाते हैं..

गुल-ए-बारूद..अक्स-ए-इंसान मिटा आया..!"

...

1 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:

Udan Tashtari said...

बढ़िया!