Friday, January 15, 2010

'गुड़िया रानी..'





...

"सिमटी-सी..सहमी-सी..
मेरी गुड़िया रानी..

जब-जब सहलाऊं..
आ जाए रवानी..

खिलखिलाती हुई भरे..
जीवन में कहानी..

मेरी प्यारी बिटिया..
हुई अब सयानी..

नयी राहें बुलाएं..
खोजो दिशायें आसमानी..

बढ़ते रहो तुम..
बनेगी इक निशानी..!"

...

2 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:

Unknown said...

खूब मिली तुम
गुडिया रानी
खेले जिससे
प्रियन्का रानी
खुले आन्ख तो
हन्से प्रियन्का
बन्द एक तो
लगती कानी
कहा जगत मे
तेरी सानी
मीठी मीठी
तेरी वानी

priyankaabhilaashi said...

हरी साब बहुत-बहुत धन्यवाद..!!