Thursday, January 28, 2010
'हर रोज़..'
...
"तेरी इक वफ़ा चाहता हूँ..हर रोज़..
तुझे फ़क़त भूलना चाहता हूँ..हर रोज़..
तेरी साँसे महकाना चाहता हूँ..हर रोज़..
तुझे अपना बनाना चाहता हूँ..हर रोज़..
तेरी महफिल सजाना चाहता हूँ..हर रोज़..
तुझे ख़त पढाना चाहता हूँ..हर रोज़..
मुद्दत से..
तेरी रूह में बस जाना चाहता हूँ..हर रोज़..!"
...
2 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:
WAAH !!!
धन्यवाद रंजना जी..!!
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