Saturday, September 25, 2010

'सर-ओ-सामान..'



...

"दामन में भीगी..
खुशबू रूह की..
अलसायी चाहत..
मदमस्त वफ़ाएँ..
मशहूर इबादत..
मासूम निगाहें..

और..

नम काजल..

सर-ओ-सामान..
*कामिल हुआ माज़ी..
कुरेदो आशियाना-ए-नफरत..!!"

...

*कामिल = पूरा..

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