Saturday, September 25, 2010

'विषमतायें..'


...


"जीवन की राहें जटिल रहेंगी..
तराश सको ..
ह्रदय की विषमतायें हटाना..!!"


...

2 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:

Anonymous said...

bahut khub...
मेरे ब्लॉग पर इस बार धर्मवीर भारती की एक रचना...
जरूर आएँ.....

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद शेखर सुमन जी..!!