Monday, January 17, 2011

'ना दफ़ना सकोगे..'



...


"क्या छुपा रहे हो...
मोहब्बत हमारी...
क्या दबा रहे हो...
चाहत हमारी..
क्या महका रहे हो..
धडकनें हमारी..
क्या सुलगा रहे हो..
आरजू हमारी..

सुन लो..
मल्लिका-ए-हुस्न..
ना दफ़ना सकोगे..
तस्वीर हमारी..!!"

...

2 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:

संजय भास्‍कर said...

यथार्थमय सुन्दर पोस्ट
कविता के साथ चित्र भी बहुत सुन्दर लगाया है.

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद संजय भास्कर जी..!!