Monday, January 24, 2011
'खुशियों का हलवा..'
...
"दहलीज़ की चौखट का तमाशा..देखो..
सुलगते बिखरते अरमान..देखो..
चाहत की कटोरियाँ..देखो..
मुस्कुराहाट की थालियाँ..देखो..
रिश्तों के सुनहरे चम्मच..देखो..
मखमली ख्वाब की मेज़..देखो..
शहनाईओं के हसीं गिलास..देखो..
गहराई का गुलदान..देखो..
चलो..
एक बार फिर से..
समेट लायें..
खुशियों का हलवा..!!"
...
6 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:
वाह..:) mujhe bhi khana hai....
धन्यवाद शेखर सुमन जी..!!
kab kila rahe ho........muh me pani aagya
धन्यवाद संजय भास्कर जी..!!
हलवा बेहद मन भाया। इसे तो खाया भी मन से ही जायेगा। प्याजो की जवानी
धन्यवाद अविनाश वाचस्पति जी..!!
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